इन बेनियाजियों पै दिल है रहीने-शौक,
क्या जाने इसको क्या हो जो परवा करे कोई।
1
बेनियाज़ियाँ -
उपेक्षा,
ध्यान
न
देना
2.रहीने-शौक
-
चाहत को
बंधक रखना यानी जिसने अपने चाहत या अभिलाषा या ख्वाहिश को किसी के पास
गिरवी रखा
हो।
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अब जहाँ में उनकी कब्रों के निशाँ मिलते नही,
उम्र भर जो फिक्रे-तसखीरे-जहाँ करते रहे।
1.फिक्र
–
(i)उपाय,
तदबीर (ii)
चिंता,
सोच,विचार
2
तसखीर -
वशीभूत करना,
जीतना,
जीतकर कब्जा करना।
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किस मुंह से जाके शिकवा-ए-जौरो-जफा करें,
मरते हैं और,
आप की पशेमानियों से हम।
1.जफा
-
जुल्मोसितम
2.पशेमानियों
-
पश्चाताप,
अफसोस
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खलिश ने दिल को मेरे कुछ मजा दिया ऐसा,
कि जमा करता हूँ मैं खार आशियां के लिये।
1.खलिश
-
(i)
चुभन,
दर्द
की टीस (ii)
चिन्ता,
फिक्र,
उलझन
2.खार -
कांटा
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