अदा परियों की, सूरत
हूर की, आंखें गिजालों की,
गरज माँगे कि हर इक चीज हैं इन हुस्न वालों की।
-हाफिज जौनपुरी
1.हूर - स्वर्ग में रहने वाली सुन्दर
स्त्री, स्वर्गांगन 2. गिजाल -
हिरण का बच्चा, मृगशावक
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अदा निगाहों से होता है
फर्जे-गोयाई,
जुबां की हद से जब शौके-बयां गुजरता है।
1
फर्जे-गोयाई- बात कहने का फ़रज़्
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अश्क बनकर आई हैं वह इल्तिजाएं चश्म
तक,
जिनको कहने के लिए होठों पै गोयाई नहीं।
-आनन्द नारायण मुल्ला
1.इल्तिजाएं - प्रार्थनाएं, दरखास्त
2.चश्म - आँख, नेत्र 3.गोयाई - बोलने की ताकत
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असर न पूछिए साकी की
मस्त आंखों का,
यह देखिये कि कोई होशमंद बाकी है।
-हफीज जौनपुरी
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