शेर-ओ-शायरी

<< Previous  ज़ाहिद  Next >>

जाहिद शराब पीने से काफिर हुआ मैं क्यों,
क्या डेढ चुल्लू पानी में ईमान बह गया।

-अब्राहम जौंक


1.जाहिद - संयम, नियम और जप-तप करने वाला व्यक्ति

 

*****

नासेह, हमारी तौबा में कुछ शक नहीं मगर,
शाना हिलाएं आके घटाएं तो क्या करें।

-'अख्तर' शीरानी


1.नासेह - नसीहतदेनेवाला, सदुपदेशक,साहित्यिक परिभाषा में प्रेम त्याग का उपदेश करने वाला 2.तौबा - परहेज 3. शाना - कंधा
 

*****

पी शौक से वाइज अरे क्या बात है डर की,
दोजख तेरे कब्जे में है, जन्नत तेरे घर की।
-'शकील' बदायुनी


1.वाइज - पीर, गुरू, धर्माचार्य, धर्मोपदेशक
2.दोजख - नरक

 

*****

फरिश्तों में थी शैख साहब की गिनती,
वह रिन्दों की सुहबत में इंसां हुए हैं।
-'रियाज' खैराबादी


1.शैख - धर्मोपदेशक, सदुपदेशक, पीर

2.रिन्द - शराबी 5. सुहबत - साथ, संगति

*****

                 

<< Previous    page - 1 - 2 - 3 - 4 - 5   Next >>