शेर-ओ-शायरी

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गर यार मय पिलाए तो क्यों कर न पीजिए,
जाहिद नहीं मैं, शेख नहीं, कुछ वली नहीं।
-'इनशा'


1.जाहिद - संयम, नियम और जप'-तप करने वाला व्यक्ति

2.शेख - पीर, गुरू, धर्माचार्य 3. वली - महात्मा, ऋषि

 

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जाहिद की मैकशी पर तअज्जुब न कीजिए,
लाती है रंग फितरते-आदम कभी-कभी।
-'शकील' बदायुनी


1.जाहिद - संयम, नियम और जप-तप करने वाला व्यक्ति

2.मैकशी - मद्यपान 3.तअज्जुब - आश्चर्य
 

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जाहिद तुझे मालूम नहीं अंदाजे -अकीदत,
सर खुद-ब-खुद झुकता है झुकाया नहीं जाता।


1.जाहिद - संयमी, विषय-विरक्त, संयम, नियम और जप-तप करने वाला व्यक्ति 2. अकीदत - (i) श्रद्धा, आस्था (ii) विश्वास, भरोसा

 

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जाहिद शराब पीने दे मस्जिद में बैठकर,
या वो जगह बता दे जहां पर खुदा नहीं।


1.जाहिद - संयम, नियम और जप-तप करने वाला व्यक्ति

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