फैसला होता है नेकी -ओ-बदी का हरदम,
दिल को इस सीने में छोटी-सी अदालत समझो।
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बेचैनियाँ समेटकर
सारे जहान की,
जब कुछ न बन सका तो मेरा दिल बना दिया।
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मैं परीशाँ
था, परीशाँ हूँ, नई बात नहीं,
आज वो भी हैं परीशान, खुदा खैर करे।
-उमर अंसारी
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मर्तबा पेशे-खुदा होता है उतना ही बुलंद,
जिस कदर चलता है इन्साँ इन्साँ से झुककर।
1.मर्तबा -
(i) प्रतिष्ठा, इज्जत (ii) पद, दर्जा
2. पेशे-खुदा -
ईश्वर के सामने
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