शेर-ओ-शायरी

साहिर नौबहार मडरिया (Sahir Naubahar Madria)

 

काटा गया न कुर्बते-पैहम के बावजूद,
वह फासिला जो देखने में फासिला न था।

1.
कुर्बते-पैहम - न खत्म होनेवाली नजदीकी, हमेशा नजदीक रहना
 

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