यूँ मुतमइन आये हैं खाकर जिगर
पै चोट,
जैसे वहाँ गये थे इसी मुद्दआ के साथ।
1.मुतमइन
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(i)
संतुष्ट (ii)
आनन्दपूर्वक,
खुशहाल
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रहबर या तो रहजन निकले या हैं अपने आप में गुम,
काफले वाले किससे पूछें किस मंजिल तक जाना है।
1.रहजन
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डाकू,
लुटेरा
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वफा पर मिटने वाले जान की परवा नहीं करते,
वह इस बाजार में सूदो-जियो देखा नहीं करते।
1.सूदो-जियो
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लाभ-हानि
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वह मर्द नहीं जो डर जाये,
माहौल के खूनी खंजर से,
उस हाल में जीना लाजिम है जिस हाल में जीना मुश्किल है।
1.
खंजर
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तलवार
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