शेर-ओ-शायरी

  अर्श मलिस्यानी (Arsh Malsiyani)  Next >>


'
अर्श' पहले यह शिकायत थी खफा होता है वह,
 
अब यह शिकवा है कि वह जालिम खफा होता नहीं।

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आने दो इल्तिफात में कुछ और भी कमी,
 
मानूस हो रहे हैं तुम्हारी जफा से हम।

 1.
इल्तिफात - (i) प्यार, लगाव (ii) कृपा, दया, मेहरबानी (iii) तवज्जुह

 2.मानूस - आसक्त, मुहब्बत करने वाला 3..जफा - सितम, अत्याचार
 

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 इस इन्तिहाए-तर्के-मुहब्बत के बावजूद,
 
हमने लिया है, नाम तुम्हारा कभी-कभी।

 1.
इन्तिहाए-तर्के-मुहब्बत - मुहब्बत का बिल्कुल परित्याग
 

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ऐ सितमगर मेरे इस हौसले की दाद दें,
 
सामने तेरे अगर फरियाद कर लेता हूँ मैं।

 1
सितमगर - जुल्म ढानेवाला 2.फरियाद - (i) शिकायत, परिवाद (ii) न्याय-याचना (iii) सहायता के लिए पुकार, दुहाई

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