शेर-ओ-शायरी

 << Previous  अफसर मेरठी (Afsar Merathi)  Next >>

   महवे-तलाशे-राहत तू यह भी जानता है,
कहते हैं जिसको राहत वह गम की इन्तिहा है।

1.
महवे-तलाशे-राहत -  सुख-चैन की तलाश में लीन
 

*****


मौत है वह राज जो आखिर खुलेगा एक दिन,
जिन्दगी है वह मुअम्मा, कोई जिसका हल नहीं।

1.
मुअम्मा -  प्रतियोगिता, पहेली

*****

यह बज्मे-फलक इससे होगी न सूनी,
  अगर टूट जायेंगे दो - चार तारे।


1.बज्मे-फलक - आकाश की महफिल यानी तारों की महफिल
 

*****


    लिल्लाह! यह तुम देखने वालों से न पूछो,
कि क्या चीज हो तुम देखने वालों की नजर में।


1. लिल्लाह -  ईश्वर के लिए, ईश्वर के नाम पर


*****

                                    << Previous   1 - 2 - 3 - 4  Next >>