शेर-ओ-शायरी

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उम्र भर जलता रहा दिल और खामोशी के साथ,
शम्अ को इक रात की सोजेदिली पै नाज था।

-'साकिब' लखनवी


1.सोज - जलन, तपिश, ताप।

 

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उम्रे-दराज माँग कर लाये थे चार दिन,
दो आरजू में कट गए, दो इन्तिजार में।
कितना है बदनसीब 'जफर'दफ्न के लिए,
दो गज जमीं भी न मिली कू-ए-यार में।

-बहादुरशाह 'जफर'

1.दराज - लंबी, दीर्घ, तवील

2. कू - कूचा का लघु, दो घरों के बीच वाली तंग गली(यानि अपने देश में)
 

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उस अश्क की तासीर से अल्लाह बचाये,
जो अश्क आंखों में रहे और न बरसे।

1.अश्क - अश्रु, आंसू। 2.तासीर - प्रभाव, असर।
 

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उस गिरिफ्तारी की पूछो न तड़प जिसके लिये,
दर कफस का हो खुला और ताकते-परवाज न हो।
-'जलील' मानिकपुरी


1.दर - दरवाजा 2. कफस - पिंजड़ा 3. परवाज - उड़ान।
 

 

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