कहते हैं मौत से
बदतर है इन्तिजार,
मेरी तमाम उम्र कटी इन्तिजार में।
-मजाज लखनवी
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कहीं आके मिटा न दें इन्तिजार का लुत्फ
कहीं कुबूल न हो जाये इल्तिजा मेरी।
- हसरत मोहानी
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कोई आया न
आयेगा मगर,
क्या करूँ, गर न इन्तिजार करूँ।
-फिराक गोरखपुरी
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क्या जानूँ आज
किसका मुझे इन्तिजार है,
पलकों की इक झलक भी मुझे नागवार है।
-नदीम कासिमी
1.नागवार - जो पसंद न हो, जो अच्छा न
लगे
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