काँटों की जुबाने-तिश्ना से गुलशन की
हकीकत को पूछो,
याराने-चमन इन फूलों को तो हंसना, हंसाना आता है।
-'अलम' मुफ्फरनगरी
1.तिश्ना - प्यासा, तृषित, पिपासित,
अतृप्त
2. याराने-चमन -
चमन से दोस्ती करने वाले
*****
कारगाहे-हयात में ऐ दोस्त यह हकीकत मुझे नजर आई,
हर उजाले में तीरगी देखी, हर अंधेरे में रौशनी पाई।
-'जिगर' मुरादाबादी
1.कारगाह - कार्यालय, काम करने का
स्थान 2.हयात - जिंदगी, हस्ती,
जीवन, जिन्दगानी 3.तीरगी -
अंधेरा, अंधकार, तिमिर
*****
कितनी बेकैफ
कट रही है हयात,
एक मुद्दत से दिल उदास नहीं।
-कृष्ण मोहन'मोहन'
1.बेकैफ - आनन्दरहित, बिना मस्ती के,
जिसमें मस्ती न हो
2. हयात -
जिन्दगी
*****
कितनी लतीफ, कितनी हसीं, कितनी मुख्तसर,
इक नौशिगुफ्ता फूल की नकहत है जिन्दगी।
-'शकील'बदायुनी
1.लतीफ - (i) कोमल, नर्म (ii) मृदुल,
नाजुक (iii) शुद्ध, पवित्र, पाकसाफ 2.मुख्तसर -
(i) कम, न्यून, थोड़ा (ii) संक्षिप्त
, सार (iii) खुलासा 3. नौशिगुफ्ता -
नव-मुकलित, नव-विकसित, नया-नया खिला
हुआ 4. नकहत - सुगंध,खुशबू
*****
<<
Previous
page
1-2-3-4-5-6-7-8-9-10-11-12-13-14-15-16-17-18-19-20-21-22-23-24-25-26-27-28- 29-30-31-32-33-34-35-36-37-38-39-40-41-42-43-44-45
Next>>