शेर-ओ-शायरी

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काँटों की जुबाने-तिश्ना से गुलशन की हकीकत को पूछो,
याराने-चमन इन फूलों को तो हंसना, हंसाना आता है।
-'अलम' मुफ्फरनगरी


1.तिश्ना - प्यासा, तृषित, पिपासित, अतृप्त

2. याराने-चमन - चमन से दोस्ती करने वाले

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कारगाहे-हयात में ऐ दोस्त यह हकीकत मुझे नजर आई,
हर उजाले में तीरगी देखी, हर अंधेरे में रौशनी पाई।
-'जिगर' मुरादाबादी


1.कारगाह - कार्यालय, काम करने का स्थान 2.हयात - जिंदगी, हस्ती, जीवन, जिन्दगानी 3.तीरगी - अंधेरा, अंधकार, तिमिर


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कितनी बेकैफ कट रही है हयात,
एक मुद्दत से दिल उदास नहीं।
-कृष्ण मोहन'मोहन'


1.बेकैफ - आनन्दरहित, बिना मस्ती के, जिसमें मस्ती न हो

2. हयात - जिन्दगी
 

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कितनी लतीफ, कितनी हसीं, कितनी मुख्तसर,
इक नौशिगुफ्ता फूल की नकहत है जिन्दगी।
-'शकील'बदायुनी


1.लतीफ - (i) कोमल, नर्म (ii) मृदुल, नाजुक (iii) शुद्ध, पवित्र, पाकसाफ 2.मुख्तसर - (i) कम, न्यून, थोड़ा (ii) संक्षिप्त
, सार (iii) खुलासा
3. नौशिगुफ्ता - नव-मुकलित, नव-विकसित, नया-नया खिला हुआ 4. नकहत - सुगंध,खुशबू


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