शेर-ओ-शायरी

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तेरी आवाज ने बरसों मुझे मखमूर रखा है,
किया है मुद्दतों  कानों से शग्ले-मैकशी मैंने।


1. मखमूर- नशे में चूर, मदोन्मत्त, मदभरी, नशीली

2. शग्ले-मैकशी - शराब पीने का काम


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तेरी निगाह ने क्या कह दिया खुदा जाने,
उलट कर रख दिये बादाकशो ने पैमाने।


1.बादाकश – शराबी 2.पैमान- शराब का गिलास, पान-पात्र


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तेरी महफिल में एक सागर का,
मैं भी उम्मीदवार हूँ साकी।


1.सागर - शराब का गिलास, पान-पात्र

 

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तेरी सूरत से नहीं मिलती किसी की सूरत,
हम जहाँ में तेरी तस्वीर लिए फिरते हैं

-नासिख
 

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