तेरी आवाज ने बरसों
मुझे मखमूर रखा है,
किया है मुद्दतों कानों से शग्ले-मैकशी मैंने।
1. मखमूर-
नशे में चूर, मदोन्मत्त,
मदभरी, नशीली
2. शग्ले-मैकशी - शराब पीने का काम
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तेरी निगाह ने क्या कह दिया खुदा जाने,
उलट कर रख दिये बादाकशो ने पैमाने।
1.बादाकश – शराबी 2.पैमान- शराब का गिलास, पान-पात्र
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तेरी
महफिल में एक सागर का,
मैं भी उम्मीदवार हूँ साकी।
1.सागर -
शराब का गिलास, पान-पात्र
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तेरी सूरत से नहीं मिलती किसी की सूरत,
हम जहाँ में तेरी तस्वीर लिए फिरते हैं
-नासिख
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