अनमोल सजावट है,
यह अनमोल हंसी भी,
बाजार में ऐसा कोई जेवर न मिलेगा।
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आ गया था
उनके होठों पर तबस्सुम ख्वाब में,
वर्ना इतनी दिलकशी कब थी, शबे-माहताब में।
-अब्दुल हमीद 'अदम'
1.तबस्सुम
- मुस्कान,
मुस्कुराहट,
स्मित, मंदहास 2. ख्वाब
- नींद
3. दिलकशी
- मनोहरता, मनोज्ञता, सुन्दरता
4. शबे-माहताब
- चाँदनी रात
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इक तबस्सुम हजार शिकवों का,
कितना प्यारा जवाब होता है।
1.तबस्सुम -
मुस्कान, मुस्कुराहट
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उन लबों पै झलक तबस्सुम की,
जैसे निकहत में जान पड़ जाये।
-असर लखनवी
1.तबस्सुम - मुस्कान, मुस्कुराहट,
मन्दहास 2. निकहत – खुश्बू
, सुगन्ध
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