अपने
हाथ से दिया यार ने मीना मुझको,
रूखसत-ए-तौबा कि लाजिम हुआ पीना मुझको।
-'बेदिल' अजीमाबादी
1. मीना - सुराही 2.
रूखसत-ए-तौबा - शराब से परहेज की छुट्टी
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आ कि तुझ बिन इस तरह ऐ दोस्त घबराता हूँ मै,
जैसे हर शै में किसी शै की कमी पाता हूँ मैं।
-जिगर मुरादाबादी
1.शै - चीज
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कफस में रहके भी हम तो
उन्हें भुला न सके,
हमें भी क्या याद किया आशियाँ वालों ने
-अदीब सहारनपुरी
1.कफस - पिंजडा 2.आशियाँ -
घोंसला, नीड़
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कुछ बाँट दीजिये हमें भी अपनी वफा के फूल,
हम भी खड़े हुए है अहले-वफा की कतार में।
1. अहले-वफा - वफा
निबाहने
वाला
, वफा करने वाला
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