कुछ लग्जिशों से काम जहाँ के संवर गये,
कुछ जुरअतें हयात पै इल्जाम बन गईं।
-'बाकी' सिद्दकी
1.लग्जिश - (i) फिसलन (ii) त्रुटि, भूल,
गलती (iii) अपराध, कुसूर
2. जुरअत -
(i) साहस, हिम्मत (ii) उत्साह, हौसला
(iii) घृष्टता, दुसाहस, बेबाकी 3.हयात -
जिन्दगी 4. इल्जाम -
(i) दोष, अपराध, जुर्म (ii) कोई बात अपने ऊपर या दूसरे पर आरोपित करना
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चमन में खेलती
रहती है, हर गुन्चा-ओ-गुल से,
मगर बादे-सबा की पाकदामानी नहीं जाती।
1.गुन्चा -
कली 2.गुल - फूल
3.बादे-सबा - सुबह चलने वाली पुर्वा हवा
4.पाकदामानी - पवित्रता, सतीत्व
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