अपने वो रहनुमा हैं कि मंजिल तो दरकनार,
कांटे रहे - तलब में बिछाते, चले गए।
-असर लखनवी
1.रहनुमा - मार्ग दिखाने वाला,
प्रथ-प्रदर्शक
2. दरकनार -
मंजिल तो दूर
*****
अपनों की दोस्ती ने सिखाया है यह सबक,
गैरों की दोस्ती भी इनायत से कम नहीं।
-'जोश' मल्सियानी
1.सबक - सीख, पाठ, 2. इनायत -
मेहरबानी
*****
अब दुनिया की रीति
यही है, किसकी मेहनत किसका फल,
काटने वाले और ही होंगे, हम तो बोने वाले हैं।
*****
अरबाबे-सितम की
खिदमत में इतनी ही गुजारिश है मेरी,
दुनिया से कयामत दूर सही दुनिया की कयामत दूर नहीं।
-जिगर मुरादाबादी
1.अरबाबे-सितम - सितम (जुल्म) ढाने
वाला
*****
page - 1 - 2 - 3 - 4 - 5 - 6 - 7 - 8 - 9 - 10 - 11 - 12 Next >>