शेर-ओ-शायरी

ग़ैर-इन्सानियत (Loss of human values)  Next >>

अपने वो रहनुमा हैं कि मंजिल तो दरकनार,
कांटे रहे - तलब में बिछाते, चले गए।

-असर लखनवी


1.रहनुमा - मार्ग दिखाने वाला, प्रथ-प्रदर्शक

2. दरकनार - मंजिल तो दूर

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अपनों की दोस्ती ने सिखाया है यह सबक,
गैरों की दोस्ती भी इनायत से कम नहीं।

-'जोश' मल्सियानी


1.सबक - सीख, पाठ, 2. इनायत - मेहरबानी

 

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अब दुनिया की रीति यही है, किसकी मेहनत किसका फल,
काटने वाले और ही होंगे, हम तो बोने वाले हैं।

 

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अरबाबे-सितम की खिदमत में इतनी ही गुजारिश है मेरी,
दुनिया से कयामत दूर सही दुनिया की कयामत दूर नहीं।

-जिगर मुरादाबादी


1.अरबाबे-सितम - सितम (जुल्म) ढाने वाला

 

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