मेरा अज्म इतना
बुलन्द है कि पराये शोलों का डर नहीं,
मुझे खौफ आतिशे-गुल से है, कहीं ये चमन को जला न दे।
-शकील बदायुनी
1.अज्म - साहस, हिम्मत 2.
आतिशे-गुल- (चमन के) फूलों की आग (यानी
अपनों से)
*****
यगाने तो अपने नहीं बन
सकेंगे,
तू गैरों को अपना बनाता चला जा।
-'अर्श' मल्सियानी
1. यगाने - स्वजन, आत्मीय, रिश्तेदार
*****
हमीं से सीखकर चालें,
हमीं पै वार करते हैं।
*****
हमें तो अपनों ने मारा, गैरों में कहाँ दम था,
कश्ती वहां डूबी जहां पानी बहुत कम था।
*****
है अगर बेदर्दियाँ अपनों की दिल को नागवार,
नागवार उससे सिवा गैरों की हैं गमख्वारियाँ।
-ख्वाजा हाली
1.बेदर्दियाँ - निर्दयता, बेरहमियां
2. नागवार - जो पसन्द न हो,
जो अच्छी न लगे
3.सिवा - अधिक, जियादा
4.
गमख्वारी - सहानुभूति, हमदर्दी,
गमगुसारी
*****