गुल भी है
अजीज,
कांटे भी हैं अजीज,
वाकिफ
नहीं तमीजे-बहारो-खिजाँ से हम।
1.
तमीज
-
अन्तर
2.खिजाँ
-
पतझड़
की ऋतु
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