शेर-ओ-शायरी

अम्न लखनवी  (Amn Lakhnavi)

असीराने कफस की आपबीती पूछते क्या हो,
 
यहां ऐ 'अम्न' कज्जकों से बदतर पासबाँ देखे।

 1.
असीराने कफस - पिंजरे में कैद पंछी 2.कज्जकों - लूटेरे, डाकू

 3. पासबाँ - प्रहरी, रक्षक

 

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उनकी ही बज्म सही पै कहाँ का है दस्तूर,
इधर को देखना, देना उधर को पैमाने।

1.
बज्म - महफिल
 

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बेगाने जो शुरू से हैं उनका जिक्र क्या,
 
अपने भी गैर हो गये, इसका मलाल है।


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