असीराने
–
कफस की आपबीती पूछते क्या हो,
यहां
ऐ
'अम्न'
कज्जकों से बदतर पासबाँ देखे।
1.असीराने
–कफस
-
पिंजरे
में कैद पंछी
2.कज्जकों
-
लूटेरे,
डाकू
3. पासबाँ - प्रहरी, रक्षक
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उनकी ही
बज्म सही पै कहाँ का है दस्तूर,
इधर को देखना,
देना उधर को पैमाने।
1.बज्म
-
महफिल
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बेगाने
जो शुरू से हैं उनका जिक्र क्या,
अपने
भी गैर हो गये,
इसका मलाल है।
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