उम्र भर रेंगते रहने से तो बेहतर है,
एक लमहा जो तेरी रूह में वुसअत भर दे।
-'साहिर' लुधियानवी
1.वुसअत - (i) शक्ति, ताकत, सामर्थ्य
(ii) उदारता (iii) विस्तार
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उम्र फानी है तो
फिर मौत से क्या डरना,
इक न इक रोज यह हंगामा हुआ रखा है।
-मिर्जा 'गालिब'
1.फानी - नश्वर, नाशवान, मिट जाने वाला,
न रहने वाला।
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उस अश्क की
तासीर से अल्लाह बचाये,
जो अश्क आंखों में रहे और न बरसे।
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एक हंगामे पै
मौकूफ है घर की रौनक,
नौहा-ए-गम ही सही, नग्मा-ए-शादी न सही।
-मिर्जा गालिब
1.मौकूफ - आधारित, निर्भर 2.
नौहा-ए-गम - गमी का शोक, गमी में
रोना-पीटना। 3. शादी -
(i) हर्ष, आनन्द (ii) विवाह, व्याह
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