शेर-ओ-शायरी

<< Previous  जिंदादिली (A tendency of mind to remain happy in all situations)  Next >>

उम्र भर रेंगते रहने से तो बेहतर है,
एक लमहा जो तेरी रूह में वुसअत भर दे।

-'साहिर' लुधियानवी


1.वुसअत - (i) शक्ति, ताकत, सामर्थ्य (ii) उदारता (iii) विस्तार

 

*****


उम्र फानी है तो फिर मौत से क्या डरना,
इक न इक रोज यह हंगामा हुआ रखा है।

-मिर्जा 'गालिब'


1.फानी - नश्वर, नाशवान, मिट जाने वाला, न रहने वाला।

*****

उस अश्क की तासीर से अल्लाह बचाये,
जो अश्क आंखों में रहे और न बरसे।

 

*****


एक हंगामे पै मौकूफ है घर की रौनक,
नौहा-ए-गम ही सही, नग्मा-ए-शादी न सही।

-मिर्जा गालिब


1.मौकूफ - आधारित, निर्भर 2. नौहा-ए-गम - गमी का शोक, गमी में रोना-पीटना। 3. शादी - (i) हर्ष, आनन्द (ii) विवाह, व्याह


*****

                 

<< Previous    page - 1-2-3-4-5-6-7-8-9-10 -11-12-13-14-15-16-17-18-19-20-21-22-23-24-25-26-27-28- 29-30-31-32-33-34-35-36-37-38-39-40-41-42-43-44-45-46  Next>>